JSLPS : ग्रामीण महिलायों के लिए एक वरदान

Sidheswar
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JSLPS : यह केंद्र सरकार द्वारा चलाये जाने वाले योजना NRLM ( National Rural Livelihood Mission) के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में काम करती है | JSLPS  झारखंड राज्य में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) परियोजना के कार्यान्वयन के लिए नोडल एजेंसी है | NRLM भारत सरकार की एक महत्वकांक्षी योजना है  |

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का लक्ष्य भारत के लगभग 70 मिलियन ग्रामीण परिवारों तक पहुँचना है,गरीबी उन्मूलन के लिए बनाया गया योजना जिसका उद्देश सभी गरीब ग्रामीणों तक पहुचना है और उन्हें स्थायी (रोजगार ) आजीविका से जोड़ना है|


गाँव के कमजोर और वंचित वर्गों को जोड़ना उसे रोजगार से जोड़कर गरीबी से बाहर निकलना इनकी मूल कार्यो में एक है ताकि सम्मान से जीवन जी सके अभी तक झारखण्ड द्वारा संचालित इस योजना काफी सफल रही है इस योजना के लिए केंद्र की NRLM की बहुत बड़ी भूमिका है |

  • NRLM के तर्ज पर बनी JSLPS गरीबी उन्मूलन में बहुत बड़ी भूमिका निभा रही है ये योजना पुरे देश में बहुत सफलता से किया जा रहा है |
  • JSLPS केंद्र सरकार की NRLM  Scheme   की नोडल एजेंसी है ,इसके तहत महिलायों को समूह बनाकर उसे सक्षम बनाया जाता है |
  • इस योजना में गरीब ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराया जाता है |
  • ग्रामीणों के गरीब वांछित वर्ग के महिलायों को 10 -15 महिलायों को समूह बनाकर उसे रोजगार से जोड़ा जाता है |
  • JSLPS योजना से उन गरीब महिलायों को बैंक से जोड़ा जाता है जो अभी तक वांछित थे |
  • महिलायों को रोजगार से जोड़ने के लिया बयकादा समय समय पर जरुरत के हिसाब से रोजगार की ट्रेनिंग भी दिया जाता है |
  • NRLM SHG के मध्यम से गरीब महिलायों को रोजगार के ऋण सस्ते डर पर उपलब्ध करवाती है |

इस योजना लाने से गरीबी उन्मूलन में सहायता किया ही साथ साथ पलायन से जूझ रहे प्रदेशो में काफी हद तक सफलता मिली है |पलायन को रोकने के लिए सबसे अच्छा यही है की गाँव में ही रोजगार उपलब्ध करवाना |ये योजना केंद्र और राज्य सरकार मिला कर चलाती है ,इस योजना के अंतर्गत पलायन रोकने में काफी सफलता मिली है |

JSLPS काम कैसे करती है 

  • यह एक सरकारी योजना है इसके तहत गरीब और वांछित महिलायों को एक समूह बनाया जाता है |
  • प्रतेक समूह में 10 से 15 महिलाये हो सकते है |ये महिलाये एक ही गाँव के हो सकते है |जिसकी आर्थिक स्तिथि एक जैसा हो ताकि किसी भी तरह से किसी का शोसन किसी को न हो ,ये बाते विशेष ध्यान दिया जाता है |
  • समूह में तीन ऐसे महिलायों को चुना जाता है जिसे पढना लिखना आता हो ,इन तीनो महिलाओ को उस समूह का पदाधिकारी चुना जाता है जिसकी जिम्मेदारी होती है समूह को सुचारू रूप सा चलाना |
  • JSLPS SHG ग्रुप गठित होने के पदाधिकारियों द्वारा सहमती से बैंक में खाता खोलने का प्रस्ताव बनाया जाता है |
  • तीन पदाधिकारी बैंक जाकर खाता खोलवाते जिसमे अपने बचत का पैसा जमा करवाते है साथ की लगातार बराबर बचत करके बैंक खाता में जमा करवाते रहते है |
  • इसके बाद समूह द्वरा NRLM पोर्टल में जाकर ऋण हेतु आवेदन करते है ,यह ऋण काफी काम व्याज पर दिए जाते है ,इसके अलावा सरकार के द्वारा समय समय पर सब्सिडी भी दिए जाते है |
  • पदाधिकारी ऋण और सब्सिडी का पैसा निकालकर जरुरत के हिसाब से सदस्यों को ऋण दिया जाता  हैजिसके ऋण का पैसा समय पर जमा करवाते है |
  • JSLPS से जुड़कर कुछ महिला कैडर के रूप चुनाव कर मासिक मानदेय  दिया जाता है | इससे महिलाओ को जीवन में आर्थिक उन्नति हो रही है |

JSLPS सरकार द्वारा चलाया गया यह योजना गरीबी उन्मूलन में वरदान साबित हो रहा है ,महिलाओ को स्वालंबन के साथ साथ सशक्तिकरण के बहुत बड़े कारक है जिसमे महिलाओं में स्वाभिमान को जगाता है और कुछ करने की प्रेरणा देता है |इस योजना के तहत कार्यशाला का आयोजन कर महिलाओ को रोजगार की बारीकियो तथा महिलाओ को बैंक अधिकारिओ द्वारा वितीय लेन देन की टिप्स भी सिखाये जाता है |


 


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