क्या कभी कांग्रेस खत्म
होगी या फिर होने के कभी कगार में पहुचेगी, क्या ऐसा कभी भी संभव है, लगता तो जरुर
है पर ऐसा कभी नहीं होगी, जब एक अंग्रेज ऑफिसर ने अपने जुर्म को कम करने के लिए
कांग्रेस नाम का एक पार्टी का गठन किया गया | इस पार्टी में वही लोग थे जो
कांग्रेस के चाटुकार थे, ये पार्टी कभी भी देश के लिए काम किया ही नही हमेशा देश
के विरोध में खड़े रहनेवाला पार्टी के अनेक शंखाये है जो आज देखाने के लिए मिलता
है, अपने आप को कांग्रेस के अलग बताती है पर वह कांगेस का ही विस्तार शाखा है | ये
पार्टिया सिर्फ देश के हिन्दुओ को धोखा देकर वोट लेना और काम वही कबीला वाले समाज
के लिए करना होता है |
कांग्रेस जनता को किस तरह
आखो में धुल झोकती है कुछ उदहारण से समझते है
सन 1969 में जब इंदिरा गाँधी को कांग्रेस से निकाल
दिया गया था। तब इंदिरा गाँधी ने नयी पार्टी की गठन कांग्रेस-R किया, जो की आज की INC नाम से जानते है |
कांग्रेस-R का चुनाव चिन्ह गाय बछड़ा होता था, जिससे हिन्दुओ को धोखा देने का बहुत बेजोड़
चुनाव चिन्ह था,जिसे आज की कांग्रेस को
नफरत है । जो पुरानी कांग्रेस कि INC-O बोली गयी उनके पास असली
कांग्रेस का चुनाव चिन्ह दो बैलो की जोड़ी थी, वो चुनाव चिन्ह रह गया I
पुरानी कांग्रेस के
ज्यादातर वो नेता थे, जो शुरू से कांग्रेस से जुड़े थे जैसे मोरारजी देसाई, लालबहादुर
शास्त्री इत्यादि। ये सभी कांग्रेसी देशभगत के साथ देश हित में सोचते थे,
कांग्रेस- O की विचारधारा वही थी जो आज भारतीय जनता पार्टी
की थी, ऐसा लेफ्ट यानि वामी और कबीला समाज के लोगो का कहना है | पुरानी कांग्रेस
राष्ट्रवादी थी, नयी वाली समाजवादी और
सेकुलर कहा जाने लगा |
- 1971 में इंदिरा गांधी ने
गरीबी हटाओ का झांसा देकर सत्ता में आई, जिसको आज पूरे 70 साल बाद भी कांग्रेस
दोहरा रही है। न गरीबी हटी न गरीबो वाला नारा आज भी कांग्रेस द्वारा वही झासा दिया
जा रहा है, 1977 के चुनाव में कांग्रेस-R की बुरी तरह हार हुई और मात्र 153 सीटो में जीत हासिल की ।
- 1977 में हार के बाद
इंदिरा गाँधी ने एक और नया पार्टी का फिर गठन हुआ कांग्रेस-I, कांग्रेस-R और
कांग्रेस-O को मिला दिया गया, सारे संसद
कांग्रेस-I के साथ आ गए। इंदिरा गांधी
बन गयी प्रतिपक्ष की नेता बन गई, और फिर इंदिरा गाँधी सर्ब शक्तिमान नेता बन गई |
चालाकी तो देखिए, जनता चुनाव चिन्ह देख कर वोट करती है, इसलिए
उन्होंने नया चुनाव चिन्ह नई पार्टी बना कर सारे पाप धो लिए गए, जनता को वेवकूफ
बनाकर फिर से 1980 पूर्ण बहुमत से सत्ता में आ कर प्रधानमंत्री
बन गईं। ये कांग्रेस के कुकर्मो का इससे ज्यदा बेहतरीन उदहारण क्या हो सकता है |
1984 में इलेक्शन कमीशन के महेरबानी
कहे या इंदिरा गाँधी का डर के चलते कांग्रेस-I को ओरिजिनल कांग्रेस बना दिया। और उसे एक अलग चुनाव चिन्ह
दे दिया गया |
अब इस क्रम को देखे देश
के जनता के साथ किस तरह धोखा दिया ।
पहले कांग्रेस-O ओरिजिनल थी , बाद में इंदिरा गांधी को निकाला
गया । इंदिरा गांधी ने नई पार्टी का गठन किया कांग्रेस-R, फिर 1977 के चुनाव हारने के बाद
इंदिरा गांधी कांग्रेस-I बनाती है। 1984 में चुनाव आयोग महेरबानी से कांग्रेस-I को असली कांग्रेस घोषित कर देता है। और फिर
सबकुछ बल्ले बल्ले .., चुनाव आयोग ने की तरह कांग्रेस –I को असली कांग्रेस घोषित किया ये तो समझाने वाली
बात होगी |
बाद में 1996 में कांग्रेस-I में से 'I' को निकाल के फेक दिया गया
ताकि कोई सबूत ही नही बचे, इस सारे गोरखधंधे का । सबको यही लगे की यही पार्टी
गांधी जी की पार्टी थी। अब ये कांग्रेस एक परिवार की पार्टी रह गई, इस गोराखधंधे
का सारे साबुत मिटा दिए गए और पुराने कांग्रेस में जो बच्चे थे सभी को मिटा दिया
गया |
जो लोग समझ रहे है जो
कांग्रेस गाँधी की है ओ समझ ले ओ कांग्रेस मिट चुकी है, उसका कोई नामलेवा अब नही
बचा है । अब ये जो कांग्रेस है ये इंदिरा कांग्रेस हैं।
नेहरू की और इंदिरा की महत्वाकांक्षा का प्रतीक है। जो लोग कांग्रेस पार्टी बनाये
थे वो लोग कांग्रेस-I में है ही नही । कांग्रेस ने यही तर्ज पर अनेको पार्टिया
बना डाली जो आज भी मौजूद है और देश के अनेको हिस्से में राज कर रही है |
- TMC, ममता बनर्जी ने कांग्रेस
छोड़ कर अपनी नई पार्टी बनाई। जो अपनी मूल पुरानी पार्टी कांग्रेस से बहुत अच्छे
सम्बन्ध है । जो कांग्रेस के विचार धारा के साथ है, कांग्रेस को समर्थन देने या
लेने के लिए हमेशा तैयार रहती है । कांग्रेस TMC में आज भी जिंदा है, और आगे भी रहेगा |
- BSP, कांशीराम कांग्रेस को
छोड़ कर बसपा बनाई जिसको आज मायावती सम्भाल रही है। जिनके कांग्रेस पार्टी से अच्छे
सम्बन्ध है। कांग्रेस को समर्थन देने या लेने के लिए हमेशा तैयार बैठी रहती है ।
कांग्रेस BSP में आज भी जिंदा है।
भ्र्ष्टाचार और गुंडागर्दी के मामले में कांग्रेस से समक्ष खड़ी है ।
- RJD, लालू यादव जो कभी
कांग्रेस में कभी नही रहे लेकिन UPA 1 में उन्होंने कांग्रेस
सरकार को समर्थन दिया और रेलमंत्री भी बने। बिहार में कांग्रेस के वोट बैंक में
सेंध लगाई,और कई बार सरकार भी बनाई पर कांग्रेस की विचारधारा से उन्हें कोई समस्या
नही, ये भी तुस्टीकरण के चरम सीमा को पार कर गए, ये भी कांग्रेस के लिए ही काम
करती है |बिहार में यादव और मुस्लिम वोटों के सहारे जिंदा तेजस्वी यादव और तेज
प्रताप यादव कांग्रेस के राहुल गांधी से भी चार कदम आगे निकल चुके है। RJD के राज में कांग्रेस की बिल्कुल कमी महसूस नही
होगी। ये कांग्रेस से भी चार कदम आगे है |
- NCP, शरद पवार भी कांग्रेस के ही बड़े नेता थे, बाद में कांग्रेस से निकलकर NCP का
गठन किया गया,जो कांग्रेस के समर्पित है, ये कांग्रेस के लिए ही काम करते है, अपनी
जिंदगी कांग्रेस में रह कर गुजारी और आज भी कांग्रेस का हाथ थामे मजबूती से खड़े
है।
- AAP, ये पार्टी कांग्रेस
के खिलाफ बनी पर ये भी कांग्रेस ही है, इस पार्टी का गठन ही कांग्रेस ने पिछले
दरवाजे से किया गया, देश बदलने निकले ये पार्टी के लोग कांग्रेस के ही पिछलग्गू है,
कांग्रेस ने अपने खिलाफ लगे घोटालो के आरोप जनता के गुस्सा को शांत करने के लिए इस
पार्टी का गठन कांग्रेस ने किया ताकि कांग्रेस प्रत्यक्ष और अप्रतयक्ष रूप से जिन्दा
रहे |
- समाजवादी पार्टी भी
कांग्रेस का ही तो रूप है, ये भी कांग्रेस से दो कदम आगे है ,जो विचारधारा
कांग्रेस की है वही समाजपार्टी की ही है , RJD की तरह उत्तर प्रदेश में यादव और
मुस्लिम वोटो पर जिन्दा है , समाजवादी पार्टी में भी कांगेस जिन्दा है |
CPI हो या तमिलनाडू
करूणानिधि के पार्टी सभी कांग्रेस के एक छदम पार्टी है, ये सभी पार्टीया कबीला समाज
को ही खुश करने में जुटी है, ये सारा पार्टी कांग्रेस पार्टी का ही एक्सटेंसन है
जो हमेशा हिन्दुओ का विनाश ही चाहती है |और हिन्दू का वोट लेकर हिन्दुओ का खाल
उतारती है |
महागठबंधन में जितने भी
नेता है, ज्यादातर नेता पूर्व-कांग्रेसी ही है। इंदिरा गांधी ने दो बार कांग्रेस
का विभाजन करके सिर्फ उच्च कोटि के नेहरू गांधी परिवार के लिए समर्पित नेता इक्कठे
करके कांग्रेस बनाई । जब तक गांधी परिवार की ब्लड लाइन है कांग्रेस कभी खत्म नही
होगी ये किसी न किसी प्रादेशिक पार्टीयो के रूप में हमेशा छद्म रूप में रहेगी।
पूरा विपक्ष कांग्रेस ही
है , जनता को समझ मे न आये या
न आये जनता इनको ही किसी न किसी रूप में सत्ता देती रही है इसके लिए ही इनका दिमाग
चलता है। बहुत लंबा खेला है भारत की जनता को भृमित करके वोट लेने का | आज भी
भारतीय जनता को भ्रम में डालकर वोट लेकर किसी न किसी रूप में सत्ता पर आ ही जाता
है |
आपको लगेगा कि कांग्रेस
खत्म हो गयी है लेकिन असल मे कांग्रेस कोरोना की तरह है। कही न कही किसी रूप में
मिलेगा ही | आप खुश हो जाते हो हमने सत्ता को बदल दिया पर हकीकत कुछ अलग ही होता
है ,
आप खुश हो जाएंगे कि आपने कांग्रेस को खत्म कर
दिया लेकिन कांग्रेस कई रूप लेकर आ जाएगी। जैसे अभी दिल्ली में केजरीवाल, महाराष्ट्र में उद्धव, शरद पवार, बंगाल में TMC, केरल में CPI, झारखण्ड में JMM और अभी नई नवेली JKLM सब या तो पहले से ही
कांग्रेस के साथ है और आगे भी रहेंगे या बस
सही डील और समय का इंतज़ार कर अपने आप कांग्रेस के रंग में रंग जायेंगे |
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