नेहरु को कांग्रेसियों ने भगवान् से भी बड़ा बना दिया | जिंसके चरित्र में ही देश और हिन्दू विरोधी रहा हो वह शुरुआत से ही उनका चेहरा देश विरोधी रहा है, कांग्रेस नेहरु के खिलाफ जारा सी भी खिलाफ बोल दो सर में चढ़कर नाचने लगते है | जब देश धर्म के नाम पर बटवारा होने के वावजूद मुस्लमान के लिए हित था हिन्दुओ के खिलाफ कानून बनाने में ज्यादा इच्छुक थे,और किया भी ऐसा ही, नेहरू हमेशा ही देश और हिन्दुओ को अहित ही किया | एक अग्रीमेंट के तहत जब भारत के दो टुकडे किया गया तब कहा गया की हिन्दुओ के लिए भारत और मुसलमानों के लिए पाकिस्तान पर एक साजिश के तहत मुसलमानों को भी भारत में रहने के लिए कहा गया जो बटवारा के खिलाफ था,
बटवारा के बाद जब भारत
में सत्ता संभाला तो पहला शिक्षा मंत्री एक मुसलमान को बनाया, जो मदरसा में पढ़ा था | जिसका देश के लिए कोई योगदान नही कभी रहा, एक कट्टर धर्मांध मौलाना जो हिन्दू
विरोधी और देश विरोधी था |
नेहरू के देश विरोधी
कार्यो की कुछ सूची हम दे रहे है, पाठक खुद पढ़े और समझे नेहरु ने क्या किया..
- नेहरु के काला कारनामो में के जो देश आज़ादी के तुरंत बाद हुआ,जीप घोटाला उस समय के सबसे बड़े जीप घोटाला में एक था |
- सन 1950-51 में जब नेपाल के राजा त्रिभुवन ने नेपाल को भारत में विलय करने की प्रस्ताव दिया था। तब चाचा नेहरु ने सिरे से ख़ारिज कर दिया, अगर ऐसा हुआ होता तो नेपाल आज भारत का हिस्सा होता | आज नेपाल चीन के आड़ लेकर भारत का आँख नही दिखता |
- सन 1948 में बलुचिस्तान प्रान्त के नवाब खान ने नेहरु को पत्र लिखकर खुद अनुरोध किया था कि बलुचिस्तान को भारत के साथ शामिल करने की कृपा करें। पर हमारे चाचा नेहरु ने उसे भी ठुकरा दिया | आज बलूचिस्तान जो झुलस रहा है ये कभी नही होता, पाकिस्तान जिस तरह से बलुस्तानियो को रौद रहा है इसका गुनहगार नेहरु ही है जिसका अनुरोध स्वीकार नही किया | नतीजा ये हुआ की पाकिस्तान ने बंदुक के बल पर बलुचिस्तान को कब्जा कर लिया। सोचिए कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी हमें।
- सन् 1947 में ओमान जो ग्वादर पोर्ट को भारत देश को लेने के लिए ऑफर दिया था, पर पता नही ये नेहरू ने इस ऑफर को क्यों ठुकरा दिया। नतीजा ये हुआ की पाकिस्तान ने ले लिया, फिर पाकिस्तान चीन को दे दिया। ग्वादर पोर्ट पाकिस्तान को देने लिए नेहरु ने ही पाकिस्तान को मदद किया था |
- सन् 1950 में नेहरू ने कोको आइलैंड को बर्मा को दान में दे दिया। जैसे कि भारत देश उसके पिता की सम्पत्ति है। बाद में बर्मा ने चीन को बेच दिया। आज चीन हमारे नौसेना की जासूसी करता है। साथ ही कोको आइलैंड से आँख दिखता है ,देश के सुरक्षा के लिए कोको आइलैंड कितना महत्वपूर्ण बिंदु है ये किसी को नही पता |
- सन 1952 में नेहरु ने अपने स्वार्थ सिद्ध करने के लिए 22327 वर्ग किलोमीटर का एरिया वर्मा को दान कर दिया, जिसे कावाओ valley कहा जाता है, ये कश्मीर जैसा ही सुंदर और रमणीक स्थल था। बाद में वर्मा ने चीन को बेच दिया। नतीजा आज चीन वहां से हमारे ऊपर जासूसी करता है। और उधर से गुजरनेवाला हमारे व्यापारिक जहाजो को रोक देने की धमकी देता है |
- सन् 1962 भारत चीन भारतीय वायुसेना को प्लान के मुताबिक चीन से युद्ध करने के लिए मना कर दिया था, जिस कारण से हम चीन से युद्ध पूरी तरह हार गए और हमें आत्मसमर्पण करना पड़ा | चीन को 14000 वर्ग किलोमीटर का एरिया चीन को सौंप दिया भेंट स्वरूप। इस युद्ध में 3000 से अधिक भारत के जवान वलिदान हुए थे। इसी एरिया को हम अक्साई चीन नाम से जानते हैं। सोचिए इस नेहरू ने हमारे देश को कितना क्षतिग्रस्त किया है। किस तरह नेहरु ने देश को नुकसान कर रहा था |
- देश की आजादी के तुरंत बाद में अमेरिका के राष्ट्रपति ने नेहरू को कहा था, कि आप न्युक्लियर पावर का देश बनने के लिए प्लांट लगाए पर नेहरु ने बात नही मानी और इन्कार कर दिया। नेहरु देश विरोधी गतिविधयो में किस तरह से संलिप्त था |
- भारत को UN सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने के अवसर दिए थे, लेकिन नेहरु ने फिर स्थायी सदस्य बनने के लिए इसे इन्कार कर दिया और चीन को सदस्य बना दिया। कितनी बड़ी क्षति हुई है अंदाजा लगाइए।
ये तो कुछ ही सूची है,
बाकि और कितना देश विरोधी काम किया होगा ये अंदाजा लगाना ही बहुत मुश्किल है ,इसने
भारत को कितना क्षतिग्रस्त किया है। ये हमारा प्रधानमंत्री था या पाकिस्तान का एक
बार जरुर सोचिये | नेहरु के इस काले कारनामो को कांग्रेस कभी भी चर्चा नही करती |
बाकि जो बचे नेहरु के औलादे है वही काम कर रही है जो नेहरु ने कर के गया था |
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