पहला : मुहम्मद अली जिन्ना जो पाकिस्तान का बाप कहा जाता है, इसके भी बाप का नाम पुंजालाल ठक्कर था, जो एक गुजराती हिंदू थे । ये पैसे के लिए धर्म छोड़ दिया इसका भी वही नैरेटिव था और आज भी है खुद तो पैसे के लिए कटोरा पकड़ लिये दूसरों को भी पकड़ा दिया |
राघव राम कौल का अब्दूल्ला परिवार। जब तक इनकी ताकत थी काश्मीर में इन्होंने भी लोगों के साथ वही व्यवहार किया है, वही नैरेटिव चल रहा था, डोगरा सिंधी कश्मीरी पंडित बाल्मीकि समाज, सब के मांस को नोच नोच कर खाया, पलायन हत्या से भरा काश्मीर के इतिहास का 70 सालो का है कश्मीरी पंडितो को लूट हत्या और रेप सब कुछ इन्ही के शासन काल में हुआ |
तीसरा : एक था चितपावन ब्राह्मण जिसका नाम तुलसीराम था | इसने टीपू सुल्तान से बचने के लिए इस्लाम कुबूल कर लिया |और अपने गांव ओवैस को इसने अपना सरनेम ओवैसी बना लिया!,इसी तुलसीराम के पुत्र का नाम अब्दुल वाहिद ओवैसी था, अब्दूल वाहिद के पुत्र का नाम सुल्तान ओवैसी था , सुल्तान ओवैसी के पुत्र का नाम सलाहुद्दीन ओवैसी था, सलाहुद्दीन ओवैसी के पुत्र का नाम असद्दुदीन ओवैसी और अकबरूद्दीन ओवैसी। और विडंबना देखिये कि ओवैशी ब्रदर जिस गोडसे से घृणा करते हैं ये उसी समाज से है, यानि दोनो चितपावन ब्राहम्ण। इनका भी यही नैरेटिव दूसरे लोगों को डराना और हर साल 15 मिनट का समय मांगना। 15 मिनट पुलिस हटाने की धमकी देता है | देखे इनका चरित्र कैसे बादल जाता है |
भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश के लगभग सभी मुसलमानों के पूर्वज वास्तव में हिन्दू ही थे जो मुग़ल शासकों के भय व उनके द्वारा लोभ वश मुस्लिम बन गए। आज उन्हीं की औलादें अनजाने में इस्लाम के नाम पर आतंक अथवा मारकाट कर रहे हैं। काश कि वे अपने पूर्वजों की गलती को सुधार, घर वापसी कर उनकी आत्मा को शांति पहुंचाने का कार्य करते।
सत्य तो वही है जो था और रहेगा , इसलिए तो ये कागज नही दिखाते और कहते है कागज बकरी खा गई |
समझे कुछ ........................................................................................................