Hindu : देश में बहुसंख्याको और हिन्दुओ के खिलाफ किस तरह नैरेटिव चलाये जाते है अगर देश की बात करना चाहते हो तो ओ राजनितिक हो जाता | अगर अपने समाज के बारे बात करो तो हिन्दू - मुस्लिम हो जाता |
यही मानसिकता ही तेरी विनाश का कारण बनेगा, वाही मानसिकता, जो कि तुम्हें पूरी तरह से ले डूबेगी ,
अगर व्यापारियों के बारे बात करो , कहा जाता इसमें राजनीति मत करें ,वकीलों,टीचर्स,डॉक्टर्स समाज,ऑफिस किसी पर भी बात करो तो कहब जाता इस पर मत करो करे तो क्या करे |
ये नैरेटिव पिछले 70 सालो से गढ़ा गया जो आज इतने प्रोढ़ बन चूका है | हर बात में उनको राजनीती लगता है ऐसा क्या है जो ओ राजनीती कर लेते है हम नही ,हमें पंगु बना के रखा गया | एक एक करके ऐसा नैरेटिव बनाया गया की धीरे धीरे हमारी सभी नैरेटिव को खत्म कर दिया गया | धीरे धीरे हमारी सभी संस्थाए खत्म कर दिए गए |हमें झूठा नैरेटिव दिया गया | और न जाने क्या-क्या |
गुड मॉर्निग की मैसेग भेजो कोई परेशानी नहीं, भेजो, कोई परेशानी नहीं,नए-नए औषधीय प्रयोग भेजो,भगवान के पोस्टर भेजो,बधाई संदेश भेजो,शोक संदेश भेजो, पारिवारिक उत्सवों की फोटो और वीडियो भेज दो, कोई परेशानी नहीं पर देश की बात करो ,तो राजनितिक हो जाती ,
सनातन की बाते
सनातन की बात करना कब से राजनितिक होने लगा समझ में नही आता ,कोई खुलेआम मुस्लिम की बात करे तो हिंदू-मुस्लिम करना हो जाता | यही तो पिछले 70 सालो से हिन्दुओ के मुख और दिमाग में धीरे धीरे इस जहर को डाला गया | सेचुलारिज़म का कीड़ा सबसे जायदा इन्ही हिन्दुओ के पास है | यही सेचुलारिम हिन्दुओ के ऊपर काल बनकर टूट रहा है ,जो देश धर्म के नाम से बनवारा हुआ उसके बावजूद हिन्दू यहाँ दोयम दर्जे में रह रहा है |
आपकी न तो पहचान नहीं बन रही है ,न ही आपकी कोई जय जयकार हो रही है ,। न आपकी कही कोई वाह-वाही हो रही है |
इन्हीं छोटी-छोटी स्वार्थ लोलुपताओं के चलते हम दुनिया से मिटते जा रहे है,आगे भी ऐसा चलता रहा तो हम कही नही बचेंगे हमें इतिहास बनने से कोई रोक नही सकता | पर हम हिंदु कभी सुधरेंगे नहीं। क्योंकि हमें केवल खाने कमाने और भोग से मतलब है| हमें कोई फ्री की लालच दे दे तो हम मुफ्खोरी में सबसे आगे रहते है | अहम बात ये है की हजारो सालो के इतिहास से हम कुछ नही सीखे हम अपने पूर्वजो से भी कुछ नही सीखे हम अपने देवी देवतओ से भी नही सीखे ,न ही हम अपने इतिहास को पढने की कोशिश किये न अपने धर्म को जानने की कोशिश किये ,हमे झूटे और फरीब इतिहास पढ़ा दिया गया और हम उसे ही सच मान कर अपने आप को भूलने लगे |
बच्चों की बुनियादी शिक्षा
जबकि "वे" लोग बचपन से ही अपने बच्चों को यही तालीम दे रहे हैं कि, "हिंदू हमारे एक नंबर के दुश्मन हैं, और उसे खत्म कर देना चाहिए , इस देश से खतम करके अपना मज़हब कायम करना है, यही हमारा पहला और आखिरी मकसद है। ओ अपने मकसद में आज भी कायम है और बिना रोके टोके आज भी अपने मकसद की लड़ाई लड़ रहा है | और ओ काफी हद तक सफल भी हो रहा है और आगे भी होता रहेगा | पर हम कहाँ है |
आप देश के बारे में अपने विचार रखना ही नहीं चाहते, आपके पास न कोई बिचार है न ही आप कोई बिचार लाना चाहते है ,क्योंकि वास्तव में आप देश के लिए सोच ही नहीं रहे हो, इसीलिए आपको उससे भी कष्ट होता है कि कहीं कोई तुम्हारे अंदर की सोती हुई सोच को ना जगा दे, आप जागने की कोशिश करते ही नही जानते सब हो पर सोने की नाटक करते हो | आपके पास सबसे बड़ी कमजोरी यही है आपको कोई जगाने का प्रयास भी करता है तो आप उसी के खिलाफ हो जाते हो | आप खुद उसके निजता पर हमला कर देते हो | इसलिए आप मिट रहे हो आगे भी मिटते रहोगे |
आप अपने निजी स्वार्थों के लिए इतने अंधे हो गये हो की आप बात करना ही नही चाहते हो ,आप अपने निजी स्वार्थ से उपर उठ ही नही पाते हो , क्या होगा आपके ,सोचना जरुर |
यदि लगता आपको है कि, किसी ने आपको झकझोर कर उठाने का सटीक प्रयास कर है तो आपके लिए निजी स्वार्थ से बढ़कर आपका राष्ट्र भारत है ,
सनातन धर्म है,,,,,,,,
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